अगर तुम हो एक कोरा कागज
तो मैं उसकी स्याही बनकर तुम्हारे हर सपने को सजाऊं,
अगर तुम हो कोई दिया तो मैं उसकी बाती बन रोशनी फैलाऊं
अगर तुम हो पहाड़ों से निकलने वाली नदी तो मैं उस नदी का किनारा बनकर सबको आराम दिलाऊं,
अगर तुम हो कोई खूबसूरत चाँद तो मैं एक तारा बनकर चाँद की सोभा बढ़ाऊं
अगर तुम हो कोई खुशबू जैसी तो मैं हवा बनकर पूरी दुनिया को महकाउं
अगर तुम हो कोई सपना मेरा तो मैं उस सपने को सच कर जाऊं
तुम हमसे पूंछते हो क्या खता हो गयी,
वफ़ा भी आज तुम्हारी बेवफा हो गयी,
रात में जब आंखों से मेरी आंसू निकलते थे,
हर लम्हे में सिर्फ तुमको याद करते थे,
छोड़ कर जा रहे थे तब नही सोचा क्या होगा मेरा,
अकेला छोड़ दिया मुझे नही मिला साथ तेरा,
टूट कर बिखर कर सम्हाल लिया है खुदको,
जा बेवफा जा अब तेरी जरूरत नही है मुझको
KOO-https://www.kooapp.com/profile/siddhantsingh643
Facebook:https://www.facebook.com/yedilkibathai
No comments:
Post a Comment