मुस्कुराती ज़िन्दगानी का साज़ है,😘 लिखना मेरे जीवन का अदभुत एहसास है,😍 किस्मत में मेरे एक ही सबसे ज्यादा खास है,💓 वो दुनिया में सबसे अलग है जिसपर मुझे नाज़ है❣️❤️
Saturday, April 11, 2015
बचपन........
नाज़ुक डाली सी काया, कोमल कली सा मन
एक पल अठखेलियाँ दूजे पल अनबन
कौतूहल से फैलती, छोटी-छोटी आँख
बाबा की अँगुली नहीं, है मुट्ठी में आकाश
छल-कपट से कोसों दूर, बचपन की हर बात
बाबा का कुरता- चप्पल, पहन उन्हीं सा इठलाना
बुलबुलों में साबुन के, इन्द्रधनुष भर लाते थे
मन के कोरे कागज़ पर, रंग कई बिखराएगा
बचपन की इमली-अमिया, बसाये रखना ख्वाबों में
धरती हमारी माता है,............
माता को प्रणाम करोबनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करोआओ हम सब मिलजुल कर,
इस धरती को ही स्वर्ग बना देंदेकर सुंदर रूप धरा को,
कुरूपता को दूर भगा देंनैतिक ज़िम्मेदारी समझ कर,
नैतिकता से काम करेंगंदगी फैला भूमि परमाँ को न बदनाम करें माँ
तो है हम सब की रक्षकहम इसके क्यों बन रहे
भक्षकजन्म भूमि है पावन भूमि,
बन जाएँ इसके संरक्षककुदरत ने जो दिया धरा कोउसका सब सम्मान करोन छेड़ो इन उपहारों को,
न कोई बुराई का काम करोधरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करोबनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो
अपील:- विश्व धरा दिवस के अवसर पर आओ हम सब धरा को सुन्दर बनाने में सहयोग देंहमारी धरती की सुन्दरता को बनाए रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.......
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